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आदि शंकराचार्य: अज्ञान और आतंक से भरी अभागी-अंधेरी दुनिया के लाइट हाऊस
आदिगुरू शंकराचार्य. महान् ऋषि परंपरा की एक ऐसी कड़ी, जिन्होंने भारत को भारतीयता के अर्थ से लबालब भरा. केवल 32 साल की आयु में वे आध्यात्मिक विरासत पर जम चुकी समय की धूल को साफ करके देश को सनातन संस्कृति के एक मजबूत धागे में बांधकर केदारनाथ से चुपचाप चले गए. जहां प्रधानमंत्री मोदी 5 नवंबर को उनकी प्रतिमा का अनावरण किया.
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JNU protest: जो भद्दे स्लोगंस लिख सकते हैं, वो विवेकानंद की मूर्ति क्यों नहीं तोड़ सकते?
JNU में Swami Vivekananda की मूर्ति तोड़ने का मामला सामने आया है. अब अपनी सफाई में छात्र कुछ भी कहें कितनी भी सफाई दे दें. मगर उन्होंने खुद ऐसी तमाम वजहें दे दी हैं जो बताती हैं कि मूर्ति तोड़ने के पीछे परिसर के छात्रों का ही हाथ है.
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